19 दिसंबर 2009

....और एक माह के शिशू को छोड़ कैद में है मां´

.....और एक माह के शिशू को छोड़ कैद में है मां´
पुलिस नहीं दर्ज कर रहा मामला
एक माह के शिशू के बगैर उसके मां को कैद में रखा गया है। यह मामला बरबीधा
थाना क्षेत्र के सामाचक मोहल्ले का है। मामला कुछ यूं है कि पटना सीटी
मोहल्ले के डमरीयाही घाट निवासी विजय यादव की पुत्री संगीता कुमारी उर्फ
जहन्नवी ने बरबीघा के सामाचाक निवासी महेश प्रसाद के पुत्र आर्दश राज से
माता पिता के मर्जी के बगैर प्रेम विवाह रचा लिया। इस प्रेम विवाह के बाद
दोनो प्रेमी-प्रेमिका पति पत्नी के रूप में दो साल से रह रहे है। दोनो
के विवाह की खबर जब परिजनों को लगी तो उनके द्वारा दोनेां को अलग करने की
काफी कोशिश की गई पर लड़की के राजी खुशी से शादी करने की बात जान कर
लोगों की एक न चली और वे थक कर घर बैठ गए। इस बीच संगीता कुमारी पिछले
माह एक लड़के को जन्म दिया और इसकी सूचना संंगीता के द्वारा अपने मां को
दी गई। अपनी बेटी के मां बनने की खबर के बाद संगीता के माता पिता मोबाइल
के द्वारा संपर्क करने लगे और यह सिलसिला चल निकला। मामले में पेचिदगी तब
आई जब संगीता के पिता 30 नवम्बर को अपने एक परिजन के श्राद्ध कार्यक्रर्म
में भाग लेने अपनी बेटी को एक दिन के लिए मायके ले जाने आ गए। एक दिन की
बात सोच संगीता भी अपने बच्चे को छोड़ यह सोच कर चली गई की शाम में जा
रहे है सुबह आ जाएगे पर घटना के चार दिन बीत जाने के बाद आज तक संगीता को
यहां नहीं आने दिया जा रहा है। इस संबंध में जब आर्दश राज के द्वारा अपने
ससुर से संपर्क किया गया तो उन्होने संगीता को भूल जाने की बात कही नहीं
तो जान से मारने धमकी दी या झुठे मुकदमे में फसाने की बात कही। यह सब जान
का आदशZ राज अपने दुधमुंहे बच्चे को पालने की कोशिश कर मिडिया से
फरीयाद कर रहे है कि किसी तरह इस दुधमुंहे बच्चे को इसकी मां मिल जाए।
आदशZ ने बताया कि इस बीच संगीता ने चोरी से एक दिन मोबाईल से संपर्क कि
तथा बताया कि उसे एक कमरे में बंद रखा गया और अब बरबीघा नहीं जाने देने
की बात कही जा रही है। उधर इस मामले को लेकर जब आदशZ राज जब बरबीघा
पुलिस के पास गया तो मामला दर्ज करने के बजाया उसे दत्कार कर भगा दिया
गया।
इस पूरे प्रकरण में दुधमूंहें बच्चे की जिन्दगी दांव पर लगी हुई है तथा
वह पिछले चौबीस घंटे से दूध भी नहीं पिया है। दुधमूंहा शिशू अपने नाना से
अपनी मां को आजाद करने की गुहार लगाता हुआ रो रहा है अब देखना होगा की
उसकी यह फरीयाद रंग लाती है या नहीं!

2 टिप्‍पणियां:

  1. कैसी सॊच है यह । दुधमुँहे बच्चे को उसकी माँ से अलग रखना अमानवीयता है ।

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  2. samaj ko sochana hi parega akhir kab tak hum insaniyat ko tar tar karte rahenge? kya samaj men mata pita ke pyar ki saja ek bachhe ko dena jaruri jisme uska koi dosh nahin. is news ke bad achha ho agar aap logon ki pratikriya bhi apne news paper me likhen. Kyoun ki bachhe ke nana nani ko samaj ke aur logon ke bicharon ke bare me pata chale aur is masoom ko uske ma bap ka pyar mile. aaj samaj agar is bachhe ko uske maan ke pyar se banchit karta hai to aane wale samay me ek kroor aur hinsak insan ko apne samne payega. Kyoun ki pyar hi kisi ko mahan ya nich banata hai.

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