20 दिसंबर 2009

प्रोजेरिया बीमारी से ग्रसित ब्यूटी की हत्या करना चाहतें है उसके पिता.

प्रोजेरिया बीमारी से ग्रसित ब्यूटी की हत्या करना चाहतें है उसके पिता
मां की ममता ने उसे बचाया
तिल तिल कर मौत के  करीब जा रही है ब्यंटी
फिल्म पा की कहानी सभी को अच्छी लगी होगी और उसमें  अमिताभ बच्चन के रौल
की लोग सराहना भी कर रहें है । इस फिल्म में अमिताभ ने ऑरो नामक बच्चे का
रौल निभाया है जो कि प्रोजेरिया नामक बीमारी से ग्रसित है। प्रोजरिया
बीमारी से ग्रसित बच्चे पर आधारित फिल्म को भले ही सराहना मिल रही हो पर
इस तरह के बच्चों की जिन्दगी आम परिवारों में क्या होती है यह देखने को
मिल रहा है शेखपुरा जिले के बरबीघा थाना क्षेत्र के कजीचक गांव में। यहां
भी इस बिमारी से ग्रसीत एक बच्ची है पर उसके पिता ही उसकी हत्या करना
चाहतें और जब उसकी मां ने उसे बचाने का प्रयास किया तो उसे बेटी के साथ
ही घर से निकाल दिया गया। संयोगिता फिलहाल अपने पिता के घर में रह रही
है। संयोगिता की शादी जमुई जिले के अलीगंज थाना क्षेत्र नोनी गांव निवासी
जयराम प्रसाद के पुत्र रामानुग्रह प्रसाद के साथ 1999 में हुई थी।
रामानुग्रह प्रसाद सीआईएसएफ में नौकरी करता है। शादी के बाद संयोगिता ने
एक बेटी को जन्म दिया तब लोगों ने खुशियां मनाई पर जब कुछ दिनों के बाद
पता चला के बेटी मानसीक रूप से विकलांग है तो परिजनों में शोक का लहर
दौर गया। एक तो बेटी उपर से मानसीक रूप से विकलांग भला इससे शादी कौन
करेगा। इसी को लेकर संंयोगिता के ससुर और उसके पति के द्वारा ब्यूटी की
हत्या का प्रोग्रम बनाया गया पर संयोगिता के द्वारा जब इसका विरोध किया
गया तो उसके साथ मारपीट की गई और उसे घर से भगा दिया गया। संयोगिता ने
बताया कि उसके परिजन पहले ब्यूटी के ईलाज के लिए काफी प्रयास किया जिसके
तहत बाबा रामदेव के यहां भी करीब दो साल तक इसका ईलाज कराया गया पर सुधार
नहीं होने पर इससे छुटकारे की बात मन में उठी जिसका विरोध उसके द्वारा
किए जाने के बाद उसे भी घर से भगा दिया गया। संयोगिता की माने तो 13 साल
की ब्यूटी कुछ खाना नहीं खाती है और वह  सिर्फ दूध पीकर ही जिन्दा रह रही
है। उसकी मां के अनुसार ब्यूटी आज रूपये के  आभाव की वजह से सही भोजन
नहीं मिलने और उचित दवाई नहीं मिलने के कारण धीरे धीरे मौत के करीब जा
रही और वह चाह कर भी इसे नहीं  बचा पा रही है। उसने बताया कि उसके पिता
के पास इतने अधिक पैसे नहीं है कि ब्यूटी का  ईलाज और इसका भरपूर भोजन
दिया जा सके जिसकी वजह से वह मौत के करीब जा रही है। अपनी ``ऑरो´´ बेटी
को बचाने के लिए संधर्ष कर रही  मां आज लोगों से अपने बेटी को बचाने की
गुहार कर रही है देखना है कि उसकी गुहार कहां तक  असर लाती है।

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