02 अक्तूबर 2017

*अंतर्राष्ट्रीय धर्मनिरपेक्षता उन्मूलन दिवस*

*अंतर्राष्ट्रीय धर्मनिरपेक्षता उन्मूलन दिवस*

साहब बहुत गरम है, कह रहे हैं कि गंधी जी को मार तो दिया पर वह मर काहे नहीं रहिस है। अगल-बगल में चेले चपाटी भी थे। वे लोग भी साहिब के गुस्से को देखकर मुंह लटका लिए। जयंती के दिन वैसे भी मुंह लटका ही लेना चाहिए। चेले चपाटी को यही लगा। पर साहेब का गुस्सा शांत ही नहीं हो रहा। तभी उधर से हमारे मघ्घड़ चा भी आ पहुंचे।

"का कहते हो मर्दे। हेतना उपाध्याय, मुखर्जी सबको लगा दियो तब भी गंधी महत्मा नहीं मर रहिस...घोर कलयुग..काहे नहीं, हे राम-काम तमाम वाले दिन को अंतर्राष्ट्रीय धर्मनिरपेक्षता उन्मूलन दिवस धोषित कर देते हो। एकरा में मसूदी, बगदीदी जैसे क्रांतिकारी का भी समर्थन मिल ही जायेगा....ठोका-ठाकी पार्टी वाला सब साथ आ ही जायेगा..।"


चा का ई सुझाव साहिब को जांच गया। तब से अंतर्राष्ट्रीय धर्मनिरपेक्षता उन्मूलन दिवस की घोषणा हो गयी। मघ्घड़ चा सुनहरे सपनों में खोकर योजना बना लिए। उस दिन सोशल मीडिया पे सेकुलर कुत्ते जैसे अनमोल प्रवचन की भरमार रहेगी...

मजाल है कि चूं कर ले..ऐसा ऐसा बीएचयू और जेएनयू टाइप फार्मूला निकालेंगे की सेकेंड नहीं लगेगा देशद्रोही साबित करे में..वैसे भी इतने सालों तक ई खांग्रेसी देशद्रोही, भ्रष्टाचारी ही शासन करते रहे है. ई वामी कीड़े तो रजिस्टर्ड देशद्रोही है..गरीब के नाम पे लूट करे वाला...

तभी जुम्मन आ कर पूछने लगा "साहिब हुजूर। गोबर बहुते जमा हो गया है। उसको दीवार पे थापे की नहीं। का आदेश है। कहीं रक्षक जी महाराज आकर मार कुटाई न कर दें...."

जे हिन... जे भारत...

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